दो साल से कैंसर से पीड़ित हूं ,अब जीना नहीं चाहता हूं... लिखकर डीडीयू कर्मचारी लटक गया फंदे से

गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता

दीनदयाल गोरखपुर विश्वविद्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विभूती प्रसाद ने रविवार को बीएड विभाग के क्लास रूम में खुदकुशी कर ली। पंखे में तार के फंदे पर उसका लटकता हुआ शव मिला। सूचना पर पहुंची कैंट पुलिस ने शव को नीचे उतारा। विभूती की जेब से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला जिसमें उसने कैंसर से परेशान होकर खुदकुशी करने की वजह बताई। एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया विभूती की जेब से एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमे लिखा था कि दो साल से कैंसर से पीड़ित हूं अब जीना नहीं चाहता हूं।

महराजगंज जिले के श्यामदेउरवा क्षेत्र स्थित पिपरपाती निवासी 56 वर्षीय विभूती प्रसाद गोरखपुर विश्वविद्यालय में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी थे। वह रुस्तमपुर में रहते थे। डीडीयू विश्वविद्यालय में पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर तीन दिवसीय (24-26 सितम्बर) तक ‘राष्ट्रीय चेतना उत्सव के मद्देनजर सभी शिक्षकों व कर्मचारियों की छुट्टी निरस्त कर दी गई है। इसके बदले में उन्हें प्रतिकर अवकाश दिए जाने की घोषणा की गई है। इस कार्यक्रम में तीनों दिन सभी को विश्वविद्यालय पहुंचना अनिवार्य था। इसीलिए रविवार को भी सभी शिक्षक व कर्मचारी जहां-जहां कार्यक्रम चल रहा था, वहां पहुंचे थे। बीएड विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विभूती प्रसाद भी पहुंचा था। विभूती ने भी सुबह विभाग खोलकर बायोमीट्रिक अटेंडेंस लगाया।

अपराह्न करीब 3.40 बजे एक महिला कर्मचारी ने विभूती का शव फंदे से लटकता हुआ देखा और कार्यालय अधीक्षक संजय कुमार शुक्ला को जानकारी दी। संजय शुक्ला ने पुलिस को सूचना दी। विश्वविद्यालय कर्मी की लटकती लाश मिलने की सूचना के बाद हड़कम्प मच गया। कैंट पुलिस के अलावा कुलपति प्रो. राजेश सिंह, चीफ प्रॉक्टर सतीश चन्द्र पांडेय, डीएसडब्ल्यू अजय सिंह, विभागाध्यक्ष प्रो. शोभा गौड़ आदि मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने शव नीचे उतरवाया तो जेब से एक सुसाइड नोट मिला। कुलपति ने परिवारीजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

पत्नी की हो चुकी है मौत, कैंसर से परेशान हूं

विभूती की जेब से पुलिस ने जो सुसाइड नोट बरामद किया है उसमे लिखा था ‘मैं सुसाइड नोट इसलिए लिख रहा हूं को लोग जाने की मैं फांसी क्यों लगाया हूं। मेरी पत्नी की मृत्यु हो चुकी है, मैं दो साल से पेट की रोग से परेशान हूं, मेरे पेट में कैंसर हो गया है, काफी दर्द रहता है इसलिए मैं आत्महत्या कर रहा हूं। आत्महत्या की सूचना पर पहुंचे बच्चों ने बताया कि उन्हें दिक्कत थी लेकिन बहुत कुछ शेयर नहीं करते थे। विभूती के दो बच्चे कौशल कुमार गौड़ और प्रमोद गौड़ हैं।

बोले एसपी सिटी

प्रथमदृष्टया तो मामला खुदकुशी का ही लग रहा है। कर्मचारी के पास से एक सुसाइड नोट मिला है जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि उसने खुदकुशी की है लेकिन हर पहलू की जांच की जाएगी।

- कृष्ण कुमार विश्नोई, एसपी सिटी

हिन्दुस्तान ई-समाचार पत्र के लिए क्लिक करें‚ epaper.livehindustan.com