
प्रवासियों से रेल का किराया वसूलने पर केंद्र सरकार की चौतरफा आलोचना के बाद बीजेपी नेताओं ने इसपर सफाई देते हुए कहा कि मजदूरों से किराया नहीं वसूला जा रहा है. सुब्रमण्यम स्वामी और संबित पात्रा ने दावा किया कि केंद्र सरकार मजदूरों के रेल टिकट की कीमत का 85% खर्च उठा रही है, लेकिन हकीकत में ये सिर्फ तकनीकी बात है.
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स्पेशल ट्रेन के लिए नहीं कोई स्पेशल सब्सिडी
रेलवे पहले से ही टिकटों पर 50-55% सब्सिडी देती है, क्योंकि ट्रेन में सोशल डिस्टेंसिंग के कारण फुल कैपेसिटी में लोग नहीं जा रहे तो ट्रेन सिर्फ आधी ही भर रही है. उसका 30% खर्च जोड़ लें तो ये 85% हो जाता है. सरकार ने स्पेशल श्रमिक ट्रेनों के किराये में कोई छूट नहीं दी है और असलियत यही है कि रेलवे अब भी सामान्य किराया वसूल रही है राज्य सरकारों से. वो भी एडवांस में.
मजदूरों से किराया न वसूले जाने के सरकार का दावा भी गलत साबित हो रहा है. द न्यूज मिनट (TNM) की रिपोर्ट के मुताबिक, कई जगह मजदूरों को अपनी जेब से किराया भरना पड़ा है. मजदूरों की शिकायत है कि वो जब घर जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाते हैं तब ही पुलिस वाले उनसे किराया वसूल ले रहे हैं.
दैनिक भास्कर ने एक छापी है जिसमें बताया गया है कि सूरत से चली 9 ट्रेनों में गए करीब 11 हजार मजदूरों से 76 लाख रूपए का किराया वसूला गया. इस खबर को स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने ट्वीट भी किया है.
TNM की रिपोर्ट के मुताबिक, कई राज्यों में मजदूरों को घर पहुंचने के लिए 1000 से 1400 रुपये देने पड़ रहे हैं. कई मजदूरों की तो शिकायत है कि उनसे सामान्य से भी ज्यादा किराया वसूला जा रहा है. बेंगलुरू से पटना गए कुछ मजदूरों ने बताया कि उन्हें प्रति व्यक्ति 1050 रुपये देने पड़े. बेंगलुरू से स्लीपर टिकट का किराया जबकि 900 रुपये है. वहीं, केरल में एर्नाकुलम से बिहार जाने के लिए मजदूरों को 1400 रुपये देने पड़ रहे हैं. रेलवे की IRCTC वेबसाइट पर ये किराया 500 से 600 के बीच है.
कांग्रेस ने की थी खर्च उठाने की बात
मजदूरों से किराया वसूलने की बात सामने आने के बाद सोमवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि रेल यात्रा के टिकट का पूरा खर्चा कांग्रेस उठाएगी. इसके कुछ देर बाद ही, बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्विटर पर लिखा कि मजदूरों को किराया नहीं देना होगा. उन्होंने ट्वीट में लिखा, “पीयूष गोयल के ऑफिस में बात की. सरकार 85% और राज्य 15% देंगे. प्रवासी मुफ्त में यात्रा करेंगे. ऑफिशियल स्टेटमेंट के साथ मंत्रालय जल्द स्थिति साफ करेगा.”
बता दें कि इस मामले को लेकर मंत्रालय की तरफ से अभी तक कोई भी सफाई नहीं आई है.