यात्रियों के सफर में खाने-पीने का इंतजाम करनेवाले आज स्वयं खाने-पीने के लिए सामाजिक संगठनों के मोहताज बन गए हैं। एलेप्पी एक्सप्रेस के पेंट्रीकार से धनबाद आए 16 पेंट्रीकारकर्मी 18 दिनों से लॉकडाउन के कारण धनबाद में फंसे हैं। पेंट्रीकार को भी इन्होंने अपना आशियाना बना रखा है। सबको लॉक डाउन टूटने का इंतजार है।

धनबाद स्टेशन और कोचिंग डिपो में एलेप्पी एक्सप्रेस की तीन रैक खड़ी है। तीनों रैक में पेंट्रीकार के कर्मचारी फंसे हैं। हर दिन सामाजिक संगठनों के माध्यम से इन्हें भोजन-पानी मिल रहा है। पेंट्रीकार का संचालन करने वाले संवेदक के लिए काम करनेवाले इन कर्मियों की यहां स्क्रीनिंग भी की गई है। इनका क्वारंटाइन भी ट्रेन की बोगी में ही चल रहा है। ट्रेन की बोगी में भी इनकी दिन-रात कट रही है। पूछने पर इन्होंने बताया कि ज्यादातर स्टॉफ बिहार के अलग-अलग जिलों से हैं। कुछ मध्य प्रदेश के भी हैं। साधन नहीं मिलने के कारण 23 मार्च से ही सभी धनबाद में फंसे हैं। सबको लॉक डाउन के समाप्त होने का इंतजार है।