लॉकडाउन के दौर में रेलवे की स्पेशल पार्सल ट्रेन देश के सुदूर शहरों में खाने-पीने की वस्तुएं व आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है। सड़कों पर ट्रकों की घटती संख्या को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने राज्यों की मांग के आधार पर उक्त स्पेशल पार्सल ट्रेन को चलाना शुरू किया है। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि आम जनता को खाद्यान्न की कमी के चलते कालाबाजारी का सामना नहीं करना पड़े।
रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि 22 मार्च से सभी यात्री ट्रेन रद हैं, लेकिन मालगाड़ियों के जरिए देशभर में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति निरंतर की जा रही है। इसके बावजूद कई राज्यों में दूध, खाना पकाने का तेल, नमक, चीनी, सब्जी, फल, अनाज, खाद्य उत्पाद, दूध उत्पाद व अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी होने लगी है। इसके चलते असम, दिल्ली, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों ने रेलवे खाद्यान, दूध व अन्य आवश्यक खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति करने की मांग की है।
इन ट्रेन पर पहले ढुलाई नहीं हुई
रेलवे बोर्ड ने मालगाड़ियों के अतिरिक्त नई स्पेशल पार्सल ट्रेन चलाने की हरी झंडी दे दी। जिन रूट पर स्पेशल पार्सल ट्रेन चलाई जा रही हैं, उन पर कभी इस प्रकार की ढुलाई का काम नहीं किया गया है। उदाहरण के लिए गुजरात के पालनपुर से स्पेशल दूध कैंटर ट्रेन चलाई जा रही है जो कि दिल्ली व आंध्र प्रदेश के रेनूगंटा तक जाएगी। इससे गुजरात में होने वाला दूध उत्पादन खराब नहीं होगा, वहीं दिल्ली व आंध्र प्रदेश में दूध की कमी नहीं होगी।

गुजरात से कानपुर पहुंच रहा उत्पाद
दुग्ध उत्पादन से भरी पार्सल ट्रेन कनकरिया (गुजरात) से कानपुर व संक्रील के लिए चलाई जा रही है। पार्सल ट्रेन से पंजाब के मोगा से असम के चंगसरी के लिए फूड प्रोडक्ट भेज जा रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार की मांग पर रेलवे ने छोटी दूरी की स्पशेल पार्सल ट्रेन चलाई हैं। आवश्यक वस्तुओं से भरी पार्सल ट्रेन भोपाल-ग्वालियर, इटारसी-बीना, भोपाल-खांडवा, रेवा-अनूपनगर, रेवा-सिंगरौली के बीच चलाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि रेलवे प्रतिदिन 30 से अधिक स्पेशल पार्सल ट्रेन चला रहा है। मांग बढ़ने पर इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी।