TMC MP अभिषेक बनर्जी को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका,पत्नी को भी राहत देने से इनकार

दिल्ली हाईकोर्ट ने 21 सितंबर को तृणमूल कांग्रेस (TMC) के महासचिव अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) और उनकी पत्नी को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया. अभिषेक बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के कथित कोयला घोटाले (Coal Scam) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जारी सम्मन को रद्द करने की मांग की थी.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) के भतीजे अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजीरा बनर्जी ने 10 सितंबर के समन को चुनौती दी है.

न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने कहा: "मैं बहुत स्पष्ट हूं। मैं कोई स्टे नहीं दे रहा हूं. मैं नोटिस जारी कर रहा हूं." उन्होंने कहा कि अदालत नोटिस जारी करेगी और फिर पक्ष मामले में अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं. उच्च न्यायालय ने ईडी को बनर्जी और उनकी पत्नी की याचिका पर तीन दिनों के भीतर जवाब देने को कहा और मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को निर्धारित की.

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ईडी ने अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी को मंगलवार को दिल्ली में पेश होने के लिए कहा था. दंपति ने दलील दी है कि वे कोलकाता के निवासी हैं और उन्हें जांच में शामिल होने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए.

ईडी ने क्या कहा

ईडी ने अदालत को बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव हैं और इसकी जांच किसी भी पुलिस स्टेशन या क्षेत्र तक सीमित नहीं है.

ईडी की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर उन्हें कोई आशंका है तो वे उचित उपाय कर सकते हैं.

दंपति का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी कि चूंकि उच्च न्यायालय ने मामले को अपने संज्ञान में ले लिया है इसलिए एजेंसी को उनके खिलाफ आगे नहीं बढ़ना चाहिए.

उन्होंने कहा, "हमने एजेंसी को दस्तावेज दे दिए हैं, लेकिन हम व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं हो रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी." उन्होंने कहा कि वे पश्चिम बंगाल में पूछताछ कर सकते हैं

हालांकि, अदालत ने किसी भी तरह की अंतरिम सुरक्षा देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि बनर्जी पहले ही कई बार एजेंसी के सामने पेश हो चुकी हैं.

सिब्बल ने तर्क दिया कि ईडी को जांच करने का हक है लेकिन उसे अपने मुवक्किल को परेशान नहीं करना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया, "यह सब पश्चिम बंगाल में है.

महिला से उसके घर पर पूछताछ की जानी चाहिए, पश्चिम बंगाल के अधिकार क्षेत्र में हमसे पूछताछ करने के लिए उनका स्वागत है."

ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने पीएमएलए के तहत दलील दी, जांच करने के लिए कोई क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र नहीं है और सीआरपीसी (CRPC) के विपरीत कोई क्षेत्रीय सीमा नहीं है.

उन्होंने कहा कि बनर्जी नियमित रूप से संसद में आती हैं और एजेंसी के पास यह दिखाने के लिए सबूत भी हैं कि जिस तारीख को उनकी पत्नी ने जवाब दिया कि वह पटना में हैं और पूछताछ के लिए दिल्ली नहीं आ सकतीं, वह दिल्ली के एक ब्यूटी पार्लर में थीं.

ईडी ने ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों से जुड़े कथित करोड़ों रुपये के कोयला चोरी घोटाले में नवंबर 2020 में दर्ज सीबीआई की एफआईआर के आधार पर मामला दर्ज किया था.

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