रेलवे ने कहा है कि उसने अभी तक अपनी सेवाओं की बहाली पर कोई अंतिम फैसला नहीं किया है. बता दें कि इससे पहले न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी थी कि ‘रेलवे ने कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुए संकट के बीच अपनी पैंसेजर ट्रेनों को 21 दिनों के लिए सस्पेंड करने के बाद 15 अप्रैल से सभी सेवाओं को बहाल करने की तैयारी शुरू कर दी है.’

पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि रेलवे के सभी सेफ्टी कर्मचारियों, रनिंग स्टाफ, गार्ड्स, TTE और बाकी अधिकारियों को 15 अप्रैल से अपनी ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए तैयार रहने को कहा गया है.

हालांकि पीटीआई की रिपोर्ट में बताया गया कि ट्रेनों की सेवा तभी बहाल होगी, जब सरकार से इसके लिए हरी झंडी मिलेगी. इसके अलावा बताया गया कि रेलवे ने ट्रेन चलने के शेड्यूल, उनकी फ्रीक्वेंसी और रेक्स की उपलब्धता के साथ अपने सभी जोन्स के लिए 'बहाली योजना' जारी की है.

सूत्रों ने बताया कि सभी 17 जोन्स को उनकी सेवाओं को चलाने के लिए तैयार रहने को एक औपचारिक संदेश भेजा गया है.

रिपोर्ट में कहा गया कि 80 फीसदी के करीब ट्रेनों के शेड्यूल के मुताबिक 15 अप्रैल से चलने की उम्मीद जताई जा रही है, जिसमें राजधानी, शताब्दी, दुरंतो आदि शामिल हैं, लोकल ट्रेनें भी अपने ऑपरेशन शुरू कर सकती हैं.

सूत्रों ने कहा कि रेलवे सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग कर सकता है और सरकार की तरफ से सुझाए गए सभी प्रोटोकॉल्स का भी पालन कर सकता है.

बता दें कि 24 मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के ऐलान के बाद रेलवे ने 21 दिनों के लिए 13,523 ट्रेनों की सेवाओं को सस्पेंड कर दिया था. हालांकि इस बीच इसकी मालगाड़ियों का चलना जारी रहा है.

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