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ट्रेनों की मानिटरिंग के लिए इंजन में जीपीएस लगा रहा रेलवेBy Live-Hindustan

टाटानगर रेलवे स्थित न्यू इलेक्ट्रिक लोको शेड से इंजन में जीपीएस लगाने का काम शुरू हो गया। रियल टाइम ट्रेन इंफॉरमेशन सिस्टम योजना के तहत रेलवे ट्रेनों के इंजन में जीपीएस लगा रहा है।

जीपीएस के आधार से रेल अधिकारी यह जान सकेंगे कि कौन सी ट्रेन अभी कहां है। टाटानगर में यात्री ट्रेनों में इस्तेमाल होने वाले डब्ल्यूएजी-7 इंजन में जीपीएस लगाने का काम शुरू है। टाटानगर के न्यू इलेक्ट्रिक लोको शेड स्थित 240 में से 47 इंजनों में जीपीएस लगा दिया गया। जबकि, मालगाड़ियों के इंजन डब्ल्यूएजी- 9 में जीपीएस लगाने का काम यात्री ट्रेनों के बाद शुरू होगा।

2020 तक सभी इंजन में जीपीएस : रेलवे बोर्ड से 2020 तक हर तरह के इंजन को जीपीएस युक्त करने का आदेश है। टाटानगर और बंडामुंडा लोको शेड के दर्जनों रेलकर्मियों को इंजनों में जीपीएस लगाने का प्रशिक्षण दक्षिण-पूर्व जोन ने दिया है, ताकि जीपीएस की मदद से ट्रेनों की सही स्थिति, समय एवं स्थान की सूचना स्टेशन कार्यालय या मंडल व जोन मुख्यालय तक पहुंच सके।

प्लेन की तरह ट्रेनों में ब्लैक बॉक्स : जीपीएस लगने के बाद रेलवे प्लेन की तरह ट्रेनों में भी ब्लैक बॉक्स लगाएगा। इससे वीडियो में इंजन की हर गतिविधि रिकॉर्ड होगी और ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर सही कारणों की जानकारी मिलेगी। 2020 तक पांच सौ ट्रेनों के इंजन में ब्लैक बॉक्स लगाने की योजना है। रेलवे ने ब्लैक बॉक्स लगाने का ट्रायल किया है।