कोरोना लॉकडाउन: रेलवे ने लिया बड़ा फैसला, अब सीनियर सिटीजन को नहीं मिलेगी यात्रा में छूट, जानें वजह

कोरोना वायरस लॉकडान की वजह से ट्रेन सेवा फिलहाल बंद है, मगर 15 अप्रैल से रेल परिचालन शुरू होने की संभावना के मद्देनजर टिकट बुक कराने वालों की भी भीड़ बढ़ गई है। लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार कर रहे अभी से ही रेल यात्री एडवांस टिकट बुकिंग कराने लगे हैं। आलम यह है कि कई प्रमुख ट्रेनों में 16 से 20 अप्रैल की स्लीपर और एसी की सीटे फुल होने के कारण वेटिंग लिस्ट की स्थिति पहुंच गई है। ये स्थिति तब है जब रेलवे की ओर से सीनियर सिटीजन यानी वरिष्ठ नागरिकों को किराये में दी जाने वाली छूट नहीं दी जा रही है।

सरकार कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी किसी तरह की भीड़ नहीं चाह रही है। सीनियर सिटीजन को टिकट बुकिंग में रियायत नहीं देने के पीछे सरकार यही चाहती है कि अभी लोग अनावश्यक यात्रा करने से बचें। बता दें कि अब तक महिलाओं को 50 तथा पुरुषों को 40 फीसदी छूट सीनियर सिटीजन के नाते दी जाती थी और टिकट बुक करने के वक्त इंडिया वाले विक्लप के बाद आता था यह विकल्प जिसे आप नीचे तस्वीर में देख सकते हैं।

देश में 21 दिन के पूर्व घोषित लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल को समाप्त हो रही है, हालांकि इस पर अंतिम फैसला कोरोना वायरस पर गठित केंद्र सरकार के मंत्रियों के समूह को लेना है। लेकिन रेलवे ने सभी जोनल-डिवीजन के संबंधित अधिकारियों को ड्यूटी पर तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। इसको देखते हुए रेल यात्रियों ने धड़ाधड़ एडवांस टिकट बुक कराने शुरू कर दिए हैं। ट्रेनों में सभी सीटें बुक होने के कारण वेटिंग टिकट मिल पा रहे हैं। इसमें हावड़ा-देहरादून एक्सप्रेस, दिल्ली-पुरुषोत्तम एक्सप्रेस, जलियांवाला बाग एक्सप्रेस, टाटा जम्मू तवी एक्सप्रेस, उत्कल एक्सप्रेस आदि की एसी व स्लीपर की सीटे भर गई हैं।

लॉकडाउन के चलते देशभर के सभी रेलवे टिकट काउंटर बंद हैं, इसलिए एडवांस टिकट की बुकिंग सिर्फ आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर हो रही है। इसमें वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराये में रियायत देने वाला कॉलम ही गायब है। यानी वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराये में छूट नहीं दी जा रही है। बता दें कि रेलवे ने कोरोना वायरस के फैलाव को कम करने के मकसद से 20 मार्च आधी रात से विद्यार्थी, दिव्यांगजनों, मरीजों को छोड़कर विभिन्न कुल 53 श्रेणियों के तहत दी जाने वाल रियायात समाप्त कर दी थी। इसका मकसद कम से कम संख्या में लोग ट्रेनों से सफर करें। विशेषकर वरिष्ठ नगारिकों को कोरोना से संक्रमित होने का अधिक खतरा रहता है।